Dec 5, 2015

                                                                          
                      तबाही बनाम जिंदगी
तकरीबन २० दिन हो गये हैं तमिलनाडु में बारिश का कहर अभी जारी है, य यूं कहे की ईश्वर का कहर जारी है। तमिलनाडु में अब हालात नाजुक हो चुके हैं,  जिंदगी और मौत के बीच लोग जंग लड़ रहे हैं। यह काफी दुखद है कि, अब तक तकरीब ३३० लोग इस जंग में हार चुके हैं और कई ऐसे भी बदनसीब हैं, जिनकी लाश का पता भी नहीं है। जरा महसूस कीजिए इनका दर्द तो आपके सामने वह सारा मंजर खुल जाएगा जो मेरे जहन मे है। एक बार आप उनकी जगह खुद को रख कर देखिये और फिर उनके दर्द को महसूस करने की कोशिस कीजिए। सोचिये एक बच्चा पानी में डूब रहा है, एक जानवर जिंदगी बचाने की जद्दोजहद में इधर-उधर कपकपाती हुई नजरों से सारा मंजर देख रहा है, उसे लग रहा है कि अब उसकी जान नहीं बचेगी। पर यह तो बस आपकी सोच है ऐसा ही मंजर तमिलनाडु राज्य में है। एक परिवार अपनी जान बचाने के लिए लोगों से चिल्ला-चिल्ला कर गुहार लगाकर, गिड़गिडाकर लोगों से मद्दद की आस रख रहा है। और लोग खुद को बचाने की जद्दोजहद में परेशान हैं, हालात यह है कि, कोई चाहते हुए भी किसी कि मदद नहीं कर सकता।  यह नजारा जो आप देख रहे हैं यह पहली बार नहीं है।  गौर करें तो ऐसा मंजर… २०११ उडीसा में, २०१२ असम में,  जून २०१३ उत्तराखण्ड जिसमें ५००० हजार से भी अधिक लोगों ने अपनी जान गवाईं थी। इसके बाद सितंबर २०१४  कश्मीर जिसमें ४५० गांव बारिश की कहर में डूब गये थे। अगर आप गौर करें तो साल-साल भर में ईश्वर अपना कहर लगातार बरपा रहा है।आखिर कब तक ईश्वर का यह सिलसिला चलता रहेगा। क्या इसके लिए इंसान तो जिम्मेदार नही? इसपर सोचना होगा। तमिलनाडु अब पूरी तरह से तबाही के मंजर से घिरा हुआ है। यह बहुत दुखद है कि, बड़ी संख्या में अभी कई इलाके पानी में डूबे हुए हैं। चेन्नई, कुड्डालोर, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर जिले बुरी तरह पानी की चपेट मे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसपर बहुत शोक जताया है।  प्रधानमंत्री ने चेन्नई, कांचीपुरम और तिरुवल्लुवर जिलों के हवाई सर्वेक्षण के बाद बाढ़ के खराब हालात को देखते हुए १००० करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया हैइससे पहले भी केंद्र सरकार ने ९४० करोड़ रूपये की राहत पैकज का ऐलान किया था। यह सहायता केंद्र की ओर से पहले दिए गए 940 करोड़ रुपए के अलावा है। केंद्र सरकार जिस तरह तामिलनाडु के साथ खड़ी है, यह वाकई सराहनीय है। जरूरत भी इसी तरह के पहल की है। सरकार को लगातार तमिलनाडु के साथ खड़ा रहना होगा। ईश्वर तो लगातार साल-साल भर पर इसी तरह का कहर ढा रहा है। अगर कहें की जिदंगी बनाम तबाही हो रही है तो गलत नहीं होगा। कई सवाल और भी हैं, जिनके जवाब हमें खुद ढूढ़ने होंगे कि, आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। फिलहाल तो हमें तमिलनाडु राज्य के लिए ईश्वर से प्रार्थना करनी चाहिए और वहां फंसे लोगों की जितनी सहायता की जा सके करनी चाहिए।


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