Delhi State based Article
For IAS/PCS Aspirants Very IMP Article
क्या दिल्ली को मिलना चाहिए पूर्ण राज्य का दर्जा..?
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग पाँच दशक से भी अधिक समय से की जा रही है और यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर सभी स्थानीय राजनैतिक दल प्रायः आपसी मतभेद भुलाकर एक सुर में बोलते रहे हैं। दूसरी ओर आम जनता और साधारण नागरिक के रूख के इस माँग को लेकर उत्साह का आभाव है।
केंद्र का कंट्रोल क्यो जरूरी .. ?
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दिल्ली में राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, संसद भवन, एंबेंसी और हाई कमिश्न है, अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया तो पुलिस और जमीन दिल्ली के अधीन हो जाएगी और केंद्र का कंट्रोल खत्म हो जाएगा जिससे सुरक्षा चुनौतियां बढ़ जाएगीं।
राजनीतिक पार्टियों को मिलेगा लाभ
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की बात राजनीतिक पार्टियां करती रही हैं वह चाहती हैं कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले जिससे वह अपना शासन खुल कर चला सकें, लेकिन अगर हम बारिकी से इसपर नजर डाले तो देखते हैं कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देना व्यावहारिक तौर पर सही नहीं है। चूंकि दिल्ली देश की राजधानी है, इस नाते उस पर केंद्र सरकार का कंट्रोल होना बेहद जरूरी है। इससे जनता को बहुत सारे लाभ मिलते रहेंगे और अगर इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा तो सिर्फ राजनीतिक फायदा होगा इसमें जनता का कुछ भला नहीं होगा।
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आर्थिक समस्यायें -
- दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने से सबसे पहले वहां की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ेगा जिसका खामयाजा सीधे जनता को चुकाना पड़ेगा।
- दिल्ली को भी अन्य राज्यों की भांति अपना 90 फीसद बजट खुद ही जुटाना पड़ेगा जिसका सीधा असर जनता पर पड़ेगा।
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हमले की स्थिति में ..
अगर दिल्ली में कभी कोई आंतकवादी हमला होता है तो ऐसे में सेना भी बुलाने की आवश्यकता पड़ सकती है। लेकिन यह अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार को ही प्राप्त है न की राज्य सरकार को। राज्य सरकार आतंकी हमला और प्राकृतिक आपदा जैसे बड़े मामलों सही तरह से नहीं निपट पाएगी। राज्य बनने से राजधानी एक महंगा शहर बन जाएगा और कमजोर वर्ग को रोटी, कपड़ा, मकान की आवश्यकता में पड़ोसी राज्यों में पलायन के लिए मजबूत होना पडेगा।
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निष्कर्स
- दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने से वहां सामाजिक और आर्थिक संकट उत्पन्न हो जाएगा जिसका सीधा असर वहां निवास कर रही स्थाई और अस्थाई जनता पर पड़ेगा, इसका लाभ सिर्फ वहां की राजनीतिक पार्टियों को मिलेगा। चूंकि दिल्ली देश की राजधानी है इसलिए इसपर केंद्र का कंट्रोल वेहद जरूरी है।
