Jul 19, 2016

Formation of New State - 

- सामाजिक, सास्कृतिक, भाषायी पहचान और विकास के लिहाज से कारगर है राज्यों का गठन 

- छोटे राज्यों के गठन से उत्पन्न होने वाली संभावनाएं द्विपक्षीय हैं और इस बारे में सौ प्रतिशत सत्य कुछ भी कह पाना मुश्किल होगा। 

एक राष्ट्र विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में तभी खड़ा हो सकता है जब उसका सर्वांगीण विकास हुआ हो, सर्वांगीण विकास का अर्थ किसी एक क्षेत्र में हुए विकास से नहीं अपितु, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास से है। लोकतंत्र के हिसाब से देखा जाये तो राज्य की इकाई छोटी होने से जनता अधिक खुश और सरकार के अधिक निकट होती है, जिससे उस राज्य में विकास के तमाम अवसर खुलते हैं। दूसरे नजरिये से देखा जाए तो नए राज्यों के गठन से जनता को कम राजनीतिक पार्टियों को यादा लाभ मिलता है। नए राज्यों का गठन करने मात्र से राज्य को खुशहाल नहीं बनाया जा सकता यह तभी संभव हो सकता है जब राजनीतिक पार्टियां इसपर रोटी सेंकते हुए राज्य के विकास कार्यों में लगे, इसलिए छोटे राज्यों के गठन से उत्पन्न होने वाली संभावनाएं द्विपक्षीय है और इस बारे में सौ प्रतिशत सत्य कुछ कह पाना मुश्किल होगा। 

राज्य को होने वाले सकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए- Positive Points For Fromation Of New State 

राज्य की इकाई छोटी होने से जनता सरकार के अधिक निकट होती है जिससे विकास कार्यों में तेजी आती है और परिणाम स्वारूप सरकार और जनता के सहयोग से काफी दिनों से अल्पविकसित पड़े राज्य में विकास तेजी से होने लगता है। राज्य के छोटे होने से लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को संचालित करने और विकासोन्मुखी कार्य करने में भी काफी सहुलियत होती है। विकास सुविधाओं के लिए बने नये राज्यों में तेजी से प्रगति होती है। उदाहरण के तौर पर हम उत्तर प्रदेश के गर्भ से निकला उत्तराखण्ड और बिहार से अलग हुए झारखंड को देख सकते हैं। वहीं बड़े राज्यों में पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तरप्रदेश अव्यवस्थित एंव अविकसित हैं। 

बड़े राज्य के होने से लोगों की जीवन शैली पर पड़ने वाले दुश प्रभाव - Impact of Largest State 

बड़े प्रांतों में पुरुषों और स्त्रियों, दोनों की जीवन स्थितियाँ काफी बदत होती हैं। बाल मृत्युदर सर्वाधिक होता है, निर्धानता रेखा में लाखों लोग रहते हैं, आबादी अनियंत्रित रहती है, समस्याओं का अंबार होता, वहीं इसके ठीक विपरीत, छोटे राज्यों में शिशु मृत्यु दर, साक्षरता, प्रति व्यक्ति आय कहीं ज्यादा होती है।

निष्कर्ष  ( Conclusion )  


राज्य छोटे हों या बड़े यदि शासन करने वालों की नीति और नीयत साफ हो तो राज्य का आकार मायने नहीं रखता है जिसका सबसे अच्छा उदाहरण अमेरिका है वहां 50 राज्य हैं जबकि उसकी आबादी भी भारत से कम है। छोटे राज्यों के गठन से उत्पन्न होने वाली संभावनाएं द्विपक्षीय हैं और इस बारे में सौ प्रतिशत सत्य कुछ भी कह पाना मुश्किल होगा। 
Writer is a journalist ( Ashish kumar shukla BBC khabar Hindi )...
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