समय की महत्वता
हमारे इस भाग दौड़
भरी जिंदगी में समय की कितनी महत्वता हैं यह हमसें बेहतर शायद कोई नही जान सकता
चाहे ऑफिस , कॉलेज के लिए जाना हो या फिर किसी अन्य कार्य के लिए हमारे लिए समय की
महत्वता बहुत होती हैं । समय हमेंशा अपनी गति सें चलता रहता यह किसी का भी गुलाम
नही हैं । हमें ध्यान में रखना चाहिए कि यह हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण हैं पर कही
ना कही हम यह सोच नही पाते कि किस तरह समय का उपयोग करना हैं समय का सही तरह से
इस्तेमाल ना कर पाना हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हैं । आज हर कोई इसी से मात खा रहा
हैं पर क्या इससे मिजाज मिल सकता हैं । पर कैसे शायद इस विषय पर हमें सोचने की
जरुरत हैं । समय का सही उपयोग हर एक के लिए बहुत ही अहमियत रखता हैं हम इसका सही
उपयोग कर सकते हैं । पर उसके लिए हमे एक सिस्टम तैयार करना होगा और उस पर कार्य
करना होगा अतः अगर हम अपनें दिनचर्या की नियामावली तैयार कर ले और उसके मुताबिक
कार्य करे तो यकीनन समय का बेहतर उपयोग कर सकते हैं । हमें कुछ करने से पहले सोचना अवश्य चाहिए
क्योकि यह भी महत्वपूर्ण हैं परन्तु समय की नजाकत को ध्यान में रखते प्रत्येक
कार्य बिना समय गवाये करना चाहिए । आज के युवाओ को यह समझने में काफी मसक्कत करनी
पड़ रही हैं खाश कर अठहराह से बीस साल के युवा जो समय की नजाकत को सही तरह नही पढ़
पा रहे हैं जिसका सीधा असर उनके भविष्य पर पड़ता हैं । मेंहनत लगन वह समय का सही
उपयोग अगर एक साथ किया जाये तो सब कुछ बड़ी आसानी से हासिल किया जा सकता हैं ।
हमें सूर्य के समान समय का पालन करना चाहिए अगर सपनो को साकार करना हैं नही तो
हमारे हाथ सिर्फ असफलता लगेगी । हमें
दूसरो का इंतजार कतई नही करना हैं अपने रास्ते खुद चुनने हैं अपनी मंजिल खुद बनानी
हैं क्या करना हैं क्या नही करना हैं और समय का सही उपयोग कैसे करना हैं यह सब
सोचना हैं । अक्सर हम काम को इस तरह कह कर छोड़ देते हैं कि आज नही कल करलूगां पर नही कर पाते और आज कल में हम
कितना समय बरबाद कर देते हैं इससे हमें बचना चाहिए। कल किसने देखा हमें जो करना
हैं आज करना हैं अभी करना हैं और इसी वक्त करना हैं यह सोच रखनी होगी अगर हम ऐसी
सोच रखेगे हम तभी समय का सही उपयोग कर सकते हैं । याद कीजिए वह बचपन जिसमे हमनें खरगोश और कछुए
वाली कहानी पढ़ी थी जिसमें खरगोश और कछुए में दौड़ प्रतियोगिता हुई खरगोश तेज दौड़
सकता था और कछुआ रेंग सकता था पर फिर भी कछुए नें इस प्रतियोगिता में भाग लिया
दोनो की दौड़ शुरु हुई खरगोश काफी तेज दौड़ रहा था और कछुआ भी अपनी पूरी शक्ति से
दौड़ रहा था अन्ततः खरगोश काफी आगे जाकर रुका और देखने लगा की कछुआ कहा पहुचां उसे
दूर-दूर तक कही नजर नही आया फिर खरगोश नें सोचा कि थोड़ा आराम करलू वह तो अभी बहोत
पीछे हैं और खरगोश एक पेंड़ के नीचे जाकर सो गया और वह सोता ही रह गया कछुए ने एक
चाल में चलते हुए इस प्रतियोगिता जीत लिया । अतः हमें अपनी मंजिल पाने के लिए ना
सिर्फ जोश से बल्कि होश से भी काम लेना हैं अगर खरगोश नें समय का सही उपयोग किया
होता तो वही विजेता होता जिसने भी समय का सही इस्तेमाल नही किया उसे हर जगह आसफलता
ही प्राप्त होगी । समय बहोत बलवान होता हैं इसकी बहोत कीमत हैं अगर समय एक बार हाथ
से निकल गया तो फिर यह वापस नही आता और फिर वही हैं तब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुंग गई खेत इसलिए समय का सत
उपयोग करना चाहिए । ---pandit
