व्यक्ति विशेष
मोदी का सपना
भारत के प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी अमेरिका, जापान, चीन जैसे देशों की तरह भारत को विकसित राष्ट्र के
रूप मे देखना चाहते हैं, इसके लिए उनकी क्या नीतियां हैं किस तरह वह भारत को
विकसित राष्ट्र बनाना चाहते हैं, इसका विश्लेषण कर रहे हैं आशीष
शुक्ला
A.S RAJA
आज भारत एक
विकसित राष्ट्र बनने के दौड मे तेजी से अमेरिका, रूस, चीन, जापान और अन्य विकसित
देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलता नजर आ रहा है। भारत के लिए इन देशों के बराबर
चलना कभी एक सपना था, परन्तु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस सपने को अपने सपने
से जोडते हुए विश्व स्तर पर भारत को सशक्त बनाने की ठान ली है। प्रधानमंत्री बनने
के बाद ही मोदी ने देश के सपने पर काम करना शुरू कर दिया और महज दस महीने मे भारत
की छवि को निखारने की कोशिश कि, इसमे काफी हद तक वह सफल भी रहे। काफी समय बाद भारत
को ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो विश्व मे भारत की छवि को लेकर चिंतित नज़र आता है।
प्रधानमंत्री
बनने के बाद मोदी ने विश्व स्तर पर भारत की छवि सुधारने की शुरूआत कुछ इस अंदाज मे
की। अपने शपथ ग्रहण में सार्क देशों के सभी नेताओं सहित तिब्बत के निर्वाचित
प्रधानमंत्री को भी उन्होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह मे आमंत्रित किया। मोदी की यह
पहली शुरुआत थी। जापान सदैव से भारत का हितैषी रहा है नरेंद्र मोदी ने जापान के
उद्योगपतियों को भारत मे व्यापार करने की नसीहत दी। भारत की अर्थव्यवस्था को
सुधारने का यह पहला सही कदम था मोदी कफी हद तक इस नीति मे सफल होते नज़र आ रहे हैं।
हर देश अपने विपक्षी देश के लिए एक विदेश नीति" निर्धारित करता है। वो देश
राजनयिक और कूटनीतिक स्तर पर उसी "नीति" के अनुसार चलता है। मोदी ने भी
अपनी विदेश नीति मे चीन को काफी महत्ता दी।
भारत और चीन
के रिस्ते हमेशा से कटु रहे हैं, परन्तु नरेंद्र मोदी ने चीन से अच्छे रिश्ते
बनाने की ठान ली और राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भारत आने का आमंत्रण दे दिया, मोदी
की यह महत्वपूर्ण चाल चीन से अच्छे रिश्ते कायम करने की थी। चीन, भारत
का सबसे बड़ा कारोबारी साथी है 1962 के चीन-भारत और अब के भारत-चीन में भी फर्क
है। आज चीन भी भारत के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार है, मोदी के
प्रधानमंत्री बनने के बाद चीन के साथ भारत के 12
महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं। अब जिक्र करते हैं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के
लिए मोदी के नीतियों की।
आज भारत इतना
सबल-संक्षम है कि वह पाकिस्तान को मुहतोड जवाब दे सकता है, परन्तु वह ऐसा इस लिए
नहीं कर रहा क्योंकि वह सदा से ही अपनी दयालुता के लिए जाना जाता रहा है। युद्ध करने से विश्व स्तर पर राष्ट्र की छवि
धूमिल होती है । मै समझता हूं कि युद्ध किसी भी देश के लिए सामाजिक, आर्थिक, वह अन्य
तरीके से राष्ट्र को अपूर्णिय छति पहंचाता है। परन्तु पाकिस्तान की नापाक हरकत जो
आये दिन होती रहती है इसको भारत कब तक बरदास करेगा? और पाक को मुहतोड़
जवाब कब देगा यह देखना खासा गंभीर होगा । सवाल यह भी उठता है कि आखिर मोदी की
खामोशी इसपर कब टूटती है।
मै समझता हूं
किसी भी देश के नागरिकों का धर्म राष्ट्रधर्म होना चाहिए और राष्ट्र के हित मे
सदैव तत्पर रहना चाहिए। देश की सवा सौ
करोड़ जनता नरेंद्र मोदी से यही उम्मीद करती है, कि वह राष्ट्र हित के लिए कुछ भी
करने के सदैव तैयार रहेंगे। जनता मोदी से यही उम्मीद करती है कि, वह देश के लिए जो
विदेश नीति बनायेंगे वह देश के हित मे होगी।
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने कई विदेशी दौरे वह महत्वपूर्ण समझौते किए । हाल ही मे प्रधानमंत्री फ्रांस, जर्मनी, कनाडा देशों के दौरे पर थे। वहां उन्होंने फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान, जर्मनी से खुले व्यापार पर समझौता, कनाडा से 3000 टन यूरेनियम की खरीद, भारत में स्वास्थ्य संबंधी पांच अनुसंधानों के लिए दोनों देश ने 25 लाख डॉलर निवेश करने का समझौता हुआ। परन्तु यह समझौते क्या देश के सवा सौ नागरिकों को किसी तरह से लाभ देगा प्रधानमंत्री को यह कतई नहीं भूलना चाहिए। राष्ट्र के लिए मोदी की सोच की कोई मिसाल नहीं है यह उच्चस्तरिय है।
आज नरेंद्र
मोदी की छवि देश के प्रति अच्छी प्रतीत होती है, अभी मौजूदा स्थित देख कर कहा जा
सकता है, कि भारत को समझने वाला प्रधानमंत्री मिल गया है। भाजपा सरकार पर सदैव से
यह आरोप लगते रहे हैं, कि भाजपा हिंदुत्व का समर्थन करती है और इस बाद की पुष्टि
अपने विवादात्मक बयानो से आये दिन वीजेपी के नेता देते रहते हैं। अगर बीजेपी को
लंबे समय तक सत्ता मे काबिज रहना है तो उसे राष्ट्र धर्म अपनाना पड़ेगा जिसकी कमी
आज निरंतर देखी जा सकती है।
( यह
लेखक के अपने विचार हैं)

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