लोकप्रिय खेल फुटबॉल   
पादकन्दुक,सॉकर
यह नाम शायद आपने नही शुना होगा, पर 
दोस्तो यह दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल फुटवॉल का उपनाम है। जिसे समान्यतः कृत्रिम
घास के मैदान में आप खेलते हैं। पैरो से खेला जाने वाला यह खेल आज काफी लोगो को
पसंद आता है, वही बहुतो को यह खेल राश नही भी आता, जिन्हे यह खेल राश नही है, मैं
उनसे कहना चाहुंगा  बस एक बार मैंदान में
उतरो सच कहता हूं दोस्तो सारे खेल भूल जाओगे।
कब हुई खेल की शुरुआत
मध्य १९ वीं शताब्दी में व्यापक रूप से फुटबॉल के विभिन्न
रूप के साथ इंग्लैंड के पब्लिक स्कूल में खेला गया था। इसकी शुरुआत यही से मानी
जाती है, आधुनिक फुटबॉल को इंग्लैंड मे द फुटबॉल
एसोसिएशन (फुटबॉल संघ)
 के गठन के साथ कूटबद्ध किया गया और जिसके 1863 में बन लॉज़ ऑफ द गेम (खेल के कानून ) के आधार पर ही आज फुटबॉल खेली जाती
है 
अंतरराष्ट्रीय आधार पर फुटबॉल का नियंत्रण (फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन) या एसोसिएशन फुटबॉल का अंतरराष्ट्रीय महासंघ जिसे संक्षेप में FIFA या फीफा कहा जाता है, करता है. फुटबॉल की सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय और लोकप्रिय प्रतियोगिता फीफी विश्व
कप है, जिसका आयोजन हर चौथे वर्ष किया जाता है. इस प्रतियोगिता को व्यापक रूप से पूरे विश्व में देखा जाता है, और इसके दर्शक ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों को मिले दर्शकों से
लगभग दुगने होते हैं। भारत में आज कलकत्ता ,गोवा जैसे बड़े शहरो को फुटबॉल खेल का
गढ़ माना जाता है।
फुटवॉल कल और आज
आज फुटबॉल व्यवसायिक
स्तर पर पुरी दुनिया में खेला जाता है.अपने पसंदीदा
टीमों का  अनुकरण  करने के लिए लाखो लोग नियमित रूप से फुटबॉल
मैदान जाते हैं ,। जबकि अरबों लोग
टेलिविज़न  पर इस खेल को देखते हैं। लोगों कि एक बढ़ी
संख्या अपने शौक के स्तर पर फुटबॉल खेलते हैं। आजकल फुटबॉल के खेल को चलाने वाली सबसे बड़ी संस्था फ़ीफ़ा
है। यह संस्था हर चार वर्ष में फ़ुटबॉल की विश्वकप
प्रतियोगिता आयोजित करती है। २००६ में आजकल १८वीं विश्वकप
प्रतियोगिता खेली जा रही है। ब्राज़ील अभी तक सबसे ज़्यादा
पांच बार यह प्रतियोगिता जीत चुका है। 
फीफा
आयोजित  एक सर्वेक्षण में तक़रीबन दो सौ
देशों के दो सौ चालीस से भी ज्यादा लोग नियमित रूप से फुटबॉल खेलते हैं।
खेल के विशेष नियम
फुटवाल खेल दो टीमें के बीच खेला जाता है, प्रत्येक टीम में
११ खिलाड़ी होते हैं। इनमें से एक गोल कीपर होता है जिसको 'गोली'
भी कहते हैं। खेल आयताकार मैदान में
खेला जाता है जिसके दोनों सिरों पर गोल बने होते हैं। दोनों
टीमों के खिलाड़ी एक गेंद को अपने पैरों से खेलते हुए
विपक्षी टीम के गोल में डालने की कोशिश करते हैं। गोलरक्षक का काम गेंद को गोल में जाने से रोकना होता है। जब कोई टीम गेंद को विपक्ष के गोल में डालने में सफल हो जाती है तो कहा जाता है कि उस टीम ने एक 'गोल'
कर दिया। 
खेल ९० मिनट तक चलता है और जो टीम ज्यादा गोल करती है उसको विजयी घोषित किया जाता है। सभी खेलों की तरह फुटबॉल को खेलने के भी
नियम हैं।
गोलरक्षक के सिवा कोई भी खिलाड़ी गेंद को हाथ से नहीं छू सकता। गोल के तीन ओर एक रेखा बनी होती है, जिसे गोलरक्षक का क्षेत्र कहा जाता है। गोलरक्षक केवल इस क्षेत्र के अंदर रहते हुए ही गेंद को हाथ से छू सकता है। गेंद को पैरों या सिर से मार कर आगे बढ़ाया जाता है। 
यदि गेंद गोल से लगी मैदान की सीमा रेखा से बाहर चली जाती है तो विपक्षी दल को 'कॉर्नर किक'
दी जाती है। इसमें विपक्षी टीम का एक खिलाड़ी गेंद को मैदान के कोने से ठोकर मार कर वापस मैदान में लाता है। अगर गेंद किसी अन्य जगह से मैदान से बाहर जाती है तो विपक्षी खिलाड़ी गेंद को हाथों से अंदर फेंकता है। खेल को नियंत्रित करने के लिए एक रेफ़री मैदान में होता है। यदि कोई खिलाड़ी विपक्षी टीम के किसी खिलाड़ी को जानबूझ कर गिराता है तो रेफ़री इसे फ़ाउल करार देता है। वह फ़ाउल करने वाले खिलाड़ी को पीला या लाल कार्ड दिखाता है। पीले कार्ड का अर्थ चेतावनी होता है– दो बार पीला कार्ड दिखाए
जाने पर
खिलाड़ी को मैदान छोड़ना पड़ता है। लाल कार्ड गंभीर फ़ाउल के लिए होता है। जिस खिलाड़ी को एक भी लाल कार्ड दिखाया जाता है उसे मैदान छोड़ना पड़ता है।
गेंद
मारना  विरोधी टीम के द्वारा गोल मारना या प्रत्येक
अवधि का खेल शुरू करना
अन्दर फेंकना जब गेंद पुरी तरह से रेखा
पार कर जाती है तब उस विरोधी टीम को इनाम मिलता जो गेंद अन्तिम बार छूता है।
गोल किक जब गेंद पुरी तरह गोल रेखा को पार कर जाती है
गोल के बिना ही स्कोर होता है और हमलावर के द्वारा गेंद को अन्तिम बार छूने के
कारण रक्षा करने वाली टीम को इनाम मिलता है।
कोर्नोर किक जब गेंद बिना गोल के ही गोल
रेखा को पार कर जाती है और रक्षा करने वाली टीम के द्वारा गेंद को अन्तिम बार छूने
के कारण हमलावर टीम को इनाम में मिलता  है।.
अप्रत्यक्ष मुफ्त किक गैर दंड फौल के रूप में
विरोधी टीम को इनाम में मिलती है, जब कुछ तकनीकी अतिलंघन या
प्रतिद्वंदी को बिना किसी विशेष फौल के बाहर भेज दिया जाए और खेल रुक जाए. अप्रत्यक्ष फ्री किक से सीधे गोल प्राप्त नहीं
किया जा सकता
पेनाल्टी किक बैमानी करने के कारण
प्रत्यक्ष मुफ्त किक मिलती है लेकिन पेनाल्टी क्षेत्र में बेईमानी करने के कारण
विरोधी टीम को इनाम के रूप में पेनाल्टी किक मिलती है।
ड्रोप गेंद जब रेफरी किसी अन्य कारण के
लिए खेल को रोक दे जैसे खिलाड़ी को गंभीर चोट लगने से, बाहरी पार्टी के द्वारा हस्तक्षेप या गेंद का
ख़राब हो जाने कि वजह से यह होता है व्यस्क खेलों में फिर से
शुरू करना असामान्य है।
खेल
के पुरस्कार वह पुरस्कृत खिलाड़ी
आज कई खिलाड़ी हैं जिन्होने फुटवॉल से अपना परचम पूरे विश्व
में लहराया हैं। सुनील  छेत्री   वर्ष 2011के एआइएफएफ प्लेयर
ऑफ द ईयर चयनित किये गये जो
आज भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान भी हैं, गौरमांगी सिंह वर्ष
2010 के सर्वश्रेष्ठ भारतीय फुटबॉलर में खिलाड़ी में सामिल किये गये। करनजीत सिंह, नरायण दास,
बलवंत सिंह, मेहताब हुशैन आदि प्रमुख किलाड़यो में से एक हैं।
२०१४ फीफा विश्व कप पर एक नजर
२०१४ फीफा
विश्व कप ( फीफा विश्व कप का 20 वां संस्कण ) 12 जून 2014 से 13 जुलाई 2014 के बीच ब्राज़ील में
हुआ एक अंतर्राष्ट्रीय पुरूष फुटबॉल टूर्नामेंट था।
1950 के बाद, ब्राजील इस प्रतियोगिता में
दूसरी बार मेज़बानी की। इसी के साथ मेक्सिको, इटली, फ्रांस और जर्मनी के
बाद ब्राजील दो बार विश्व कप की मेजबानी करने वाला पांचवां देश बन गया है। साल
2014 का फीफा विश्व कप जर्मनी ने
जीता। 
बत्तीस
देशों की टीमें फाइनल टूर्नामेंट में भाग लिया। सभी मैच ब्राजील के 12 विभिन्न
शहरों में मैच खेले गए। अर्जेंटीना में आयोजित हुए 1978 विश्व कप के बाद से दक्षिण अमेरिका में आयोजित होने वाला यह पहला
विश्व कप है। इससे पहले 2010 का टूर्नामेंट स्पेन ने
जीता था , १३ जुलाई २०१४ को २०१४ फीफा विश्व कप के फाइनल में जर्मनी ने अर्जेण्टीना को अतिरिक्त समय के बाद 1-0 से पराजित किया, यह जर्मनी का
चौथा खिताब है।
फुटबॉल मे कैरियर
युवा हमेशा
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बनने का ख्वाब देखते हैं। लेकिन
करोड़ों की जनसंख्या वाले देश में सैकड़ों को ही खेलों में देश का प्रतिनिधित्व
करने का अवसर मिलता है। 
आप अंतरराष्ट्रीय या राष्ट्रीय स्तर पर फुटवॉल के खिलाड़ी बन सकते हैं। इसलिए यदि खेल के प्रति समर्पण भाव है, देश के लिए खेलने की इच्छा है तो खेलों से पलायन करने की बजाय अपना नजरिया थोड़ा सा बदल लें। आप खेलों के प्रति समर्पित रहें, यदि अंतराराष्ट्रीय खिलाड़ी न भी बन पाएँ तब भी आपको फुटवॉल के क्षेत्र में ही करियर बनाने के अनेक विकल्प मिलेंगे। आप फुटवॉल खेल कर अपना वह अपने देश का नाम ऊचा कर सकते हैं।
आप अंतरराष्ट्रीय या राष्ट्रीय स्तर पर फुटवॉल के खिलाड़ी बन सकते हैं। इसलिए यदि खेल के प्रति समर्पण भाव है, देश के लिए खेलने की इच्छा है तो खेलों से पलायन करने की बजाय अपना नजरिया थोड़ा सा बदल लें। आप खेलों के प्रति समर्पित रहें, यदि अंतराराष्ट्रीय खिलाड़ी न भी बन पाएँ तब भी आपको फुटवॉल के क्षेत्र में ही करियर बनाने के अनेक विकल्प मिलेंगे। आप फुटवॉल खेल कर अपना वह अपने देश का नाम ऊचा कर सकते हैं।
फुटवॉल
के स्टेडियम वह कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्व
दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, बहुत
ही खूबसुरत फुटवॉल स्टेडियमो  में सुमार हैं,
कई अन्य, स्टेडियम भी है जिन पर फुटवॉल मैच खेले जाते है, वह निम्न है, थुवुन्ना स्टेडियम, यांगून, म्यांमार, जवाहरलाल नेहरू
स्टेडियम, केरल  भारत, हलचौक स्टेडियम काठमांडू, नेपाल, दशरथ रंगासला
स्टेडियम  काठमांडू, नेपाल, 20 इयर्स
ऑफ इन्डीपेंडेंस स्टेडियम, खुजंद,ताजिकिस्तान, फतोर्दा स्टेडियम, गोवा, भारत, यह सब फुटवॉल के प्रमुख मैदानो में सुमार हैं।
भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल
टीम
भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम अखिल भारतीय फुटबॉल
महासंघ के द्वारा शासित है। 1948 से अखिल भारतीय
फुटबॉल महासंघ फीफा द्वारा संबद्ध हो गयी। 1948 से भारतीय फुटबॉल
महासंघ एशियाई फुटबॉल
महासंघ के संस्थापक सदस्यों में है। भारतीय फुटबॉल टीम ने पहली और अंतिम बार 1950
में फीफा विश्व कप किया था परन्तु कुछ कारणों से वह इस प्रतियोगिता में हिस्सा न ले पाई।
 भारतीय टीम ने
अब तक दो एशियाई खेलों में स्वर्ण तथा एएफसी एशिया कप में एक बार रजत जीता है। सबसे बड़ी जीत - भारत 7-0 सीलोन को मात दी थी बंगलोर, ( भारत  29 दिसंबर 1963 ) सबसे बडी हार - सोवियत संघ 11–1 भारत  (मास्को, सोवियत संघ; 16 सितम्बर 1955 ) को भारत की सबसे
सर्मनाक हार हुई थी।
 
 
 
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